ज्यादा गंभीर हालात में चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी होता है।
अगर आप पाइल्स का इलाज करवा करें हैं या बवासीर से पीड़ित हैं तो इन चीजों का परहेज करना बहुत जरूरी हैः-
क्या आयुर्वेदिक उपचार बवासीर का स्थायी इलाज कर सकता है?
आहार में फाइबर की कमी, अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन, खराब जीवन शैली, तनाव, मल त्यागते समय तनाव, कब्ज और दस्त, लंबे समय तक लगातार बैठे या खड़े रहना, शौचालय में लंबे समय तक बैठे रहना, अनल सेक्स, लगातार भारी सामान उठाने से, मोटापे से ग्रस्त होने की वजह से आपको पाइल्स हो सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के समय भी पाइल्स हो सकता है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाये तो कई बार शुरूआती दिनों में रोगी में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते परन्तु कुछ समय बाद महसूस होने लगते हैं। पाइल्स के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-
स्ट्रांगुलेटेड बवासीर का विकास होना (गुदा के अंदर की मांसपेशियां रक्त के प्रवाह को आंतरिक प्रोलैप्सेड बवासीर से काट देती हैं)
क्या आयुर्वेदिक उपचार बवासीर का स्थायी इलाज कर सकता है?
मल त्याग की गलत आदतें: लंबे समय तक मल रोककर रखना या मल त्याग के दौरान अधिक समय लगाना।
मस्सों को बार-बार छूने या दबाने से बचें।
वात पित्त और कफ को संतुलित करने के तरीके
अक्सर साधारण जीवनशैली में बदलाव जैसे उच्च फाइबर आहार, पर्याप्त पानी पीना और नियमित व्यायाम के साथ प्रभावी ढंग से इस रोग को प्रबंधित किया जा सकता है।
आहार में साबुत अनाज, दलिया, फल व हरी सब्जियाँ
रात के भोजन में पपीता खाएं। इससे कब्ज नहीं होगी। इससे मल click here त्याने के समय होने वाली पीड़ा नहीं होगी।
सिट्ज़ स्नान बवासीर के दर्द, जलन, और सूजन में राहत प्रदान करता हैं, लेकिन इसके साथ अन्य उपचार की भी आवश्यकता होती है।
पानी में थोड़ा सा नमक या हल्दी मिलाने से संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है।